
औसत फसल उपज सीधे तौर पर उन तरीकों से जुड़ी होती है जो जड़ प्रणाली की गहराई पर मिट्टी की नमी को बढ़ाते हैं।
मिट्टी में अत्यधिक नमी कई बीमारियों का कारण बन सकती है जो फसल के सभी विकास चरणों में खतरनाक होती हैं। नमी के स्तर की वास्तविक समय पर निगरानी करके फसल की विफलता को रोका जा सकता है।
ज़रूरत से ज़्यादा पानी देना न सिर्फ़ फ़सल के लिए ख़तरनाक है, बल्कि इससे पैसे और कीमती (अक्सर सीमित) जल संसाधन भी बर्बाद होते हैं। मिट्टी की नमी के स्तर पर बारीकी से नज़र रखकर आप यह तय कर सकते हैं कि कब और कितनी सिंचाई करनी है।
लगातार बढ़ते बिजली खर्च को भी कम समय के लिए सिंचाई करके कम किया जा सकता है, तथा ऐसा केवल तभी किया जा सकता है जब इसकी आवश्यकता हो।
पोस्ट करने का समय: 14 जून 2023